प्रिये मधु आया सुकोमल

तीक्ष्ण गायक - आम्र और-

प्रफुल्ल की कर में उठाये

भ्रमर माला की मुकर

अभिराम प्रत्यन्चा चढ़ाये

सुरत सर से हृदय को

करता विदग्ध विदीर्न व्याकुल

प्रिये! वीर वसन्त योद्धा

आ गया मदपूर्ण चंचल

प्रिये मधु आया सुकोमल

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