मनुष्य को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसका वर्णन आपको कई ग्रंथों और शास्त्रों में मिलता है। इन बातों को समझ कर, उनका पालन करने पर ही जीवन को सुखद बनाया जा सकता है। श्रीमद् देवी भागवत महापुराण में स्वयं देवी भगवती ने इन दस नियमों के बारे में बताया है। इन नियमों का पालन हर मनुष्य को अपने जीवन में करना ही चाहिए।
 
श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के अनुसार, ये है वह दस नियम जिन्हें हर मनुष्य को अपने जीवन में अपनाना चाहिए-

तपः सन्तोष आस्तिक्यं दानं देवस्य पूजनम्।
सिद्धान्तश्रवणं चैव ह्रीर्मतिश्च जपो हुतम्।।
जिसका अर्थ है - तप, संतोष, आस्तिकता, दान, देवपूजन, शास्त्रसिद्धांतों का श्रवण, लज्जा, सद्बुद्धि, जप और हवन- ये दस नियम मेरे द्वारा (देवी भगवती) कहे गए है।

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