रुक्मिणी दरअसल विष्णु की संगिनी लक्ष्मी का स्वरुप थीं | वह विधर्भ के राजा भीष्म की सुपुत्री थीं | नारद से उन्होंने श्री कृष्ण के गुणों के बखान सुने तो उनके मन में उनसे विव्ह करने की इच्छा प्रबल हो गयी | वह दिन रात कृष्ण से मिलन के सपने देखने लगीं | कृष्ण ने भी रुक्मिणी के रूप और गुणों की काफी चर्चा सुनी थी इसलिए वह भी इस रिश्ते के लिए तैयार हो गए | एक दिन रुक्मिणी के भाई रुक्मी ने उनकी शादी शिशुपाल से तय कर दी | परेशान हो रुक्मिणी से श्री कृष्णा को एक चिट्ठी द्वारा अपना दुःख ज़ाहिर किया | चिट्ठी पढ़ कृष्ण जल्दी ही विदर्भ पहुंचे और रुक्मिणी को अगवा कर द्वारका ले आये | द्वारका पहुँचने के पश्चात कृष्ण ने सर्वसम्मति से रुक्मिणी से विवाह किया |
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