हरिदास की समाधी भी इसलिए निधि वन में ही बनायीं गयी | वह बहुत तन्मयता से ठाकुर जी के गाने गाते थे |तानसेन और बैजू बावरा हरिदास के मशहूर  शिष्य थे |

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