वर्तमान समय में वर्ण (रंग) को भी जाति ही समझा जाता है। किताबों में  जाति शब्द को कई अन्य शब्दों से मिल करके दर्शाया जाता है जिसके चलते समाज में एक भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी है। आजकल जाति कहने से जातिवाद समझ में आता है, लेकिन इस लेख में हम  उस तरह की जाति की बात नहीं कर रहे हैं जो वर्तमान में प्रचलित है।
 
बहुत प्राचीनकाल में सभी लोग हिमालय के आसपास ही रहते थे। वेद और महाभारत पढ़ने पर हमें पता चलता है कि आदिकाल में प्रमुख रूप से ये जातियां थीं- देव, दैत्य, दानव, राक्षस, यक्ष, गंधर्व, भल्ल, वसु, अप्सराएं, पिशाच, सिद्ध, मरुदगण, किन्नर, चारण, भाट, किरात, रीछ, नाग, विद्‍याधर, मानव, वानर आदि। देवताओं को सुर और दैत्यों को असुर कहा जाता था। हम यहां आपको बता रहे हैं इन्ही प्राचीन जातियों के बारे में।

Comments
आमच्या टेलिग्राम ग्रुप वर सभासद व्हा. इथे तुम्हाला इतर वाचक आणि लेखकांशी संवाद साधता येईल. telegram channel