शिव, राम, कृष्ण, महावीर, बुद्ध और नानक के बिना भारत उस शरीर की तरह है जिसकी कोई आत्मा नहीं। सिर्फ एक राम को निकाल देने से भारत का संपूर्ण धर्म और संस्कृति मरुस्थल की तरह ही हो जाता है। यही कारण है कि पिछले कई सालों से प्रभु श्रीराम और उनसे जुड़े सत्यों  पर लगातार हमले होते रहे हैं । 
 
कुछ लोग कहते हैं कि राम भगवान नहीं बल्कि वे तो राजा थे। कुछ का मानना है कि वे एक का‍‍ल्पनिक पात्र हैं जो कभी हुए ही नहीं। वर्तमान काल में आपको राम की आलोचना करने वाले कई लोग मिल जाएंगे। राम के खिलाफ तर्क जुटाकर कई पुस्तकें लिखी गई हैं । इन पुस्तक लिखने वालों में वामपंथी विचारधारा और धर्मांतरण करने वाले लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया है। तर्क से सही को गलत और गलत को सही सिद्ध किया जा सकता है। तर्क की बस यही ताकत है। आगे बताये जा रहे हैं राम से जुड़े कुछ तर्क और उनके पीछे का सत्य |

Comments
आमच्या टेलिग्राम ग्रुप वर सभासद व्हा. इथे तुम्हाला इतर वाचक आणि लेखकांशी संवाद साधता येईल. telegram channel