बाबु मोशाई –आनंद

ये दृश्य तो दिल तोड़ देता है ! हम सब रंग मंच की कठपुतली हैं ! गंभीर ,दिल को कचोटने वाला, दुःख ,उम्मीद और यादगार..... ये सीन ये सब कुछ है और शायद इस से ज्यादा |

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