( परप्रांतिय नवरा( मोहन) व बायको ( चमेली) घरात बोलत असतात.)

मोहन:- भाग्यवान कहाँ थी.

चमेली:- आवो मै वो शेजारीन के पास थी.

मोहन:- अच्छा ठीक है.

चमेली:- सुनिए कल आप काम पे मत जाना.

मोहन:- क्यों, क्या हुआ?

चमेली:- अभी अभी टिव्हीपर सुना, वो कुछ लोग हमारे खिलाफ है.

मोहन:- मतलब?

चमेली:- हम दुसरे राज्यसे यहाँ आये है, इस बातसे यहाँके लोग नाराज है.

मोहन:- अरे हम तो अपनी रोजी-रोटी से मतलब रखते है. छोडो ये बात जाने दो.

चमेली:- पर आपको डर नही लगता?

मोहन:- अरे पगली डरे वो जो बुरा बर्ताव करे.

चमेली:- फिर भी केह रही हूँ, कल रहने दो.

मोहन:- अरे अगर ऐसे जिऐंगे तो गाँवमे कौनसी तकलीफ थी? हम ही तो चाहते है, बच्चे पढ़लिख आगे बढे.

चमेली:- हाँ. हम यहाँ इसलिएही तो आये है, पर खुदको संभालना भी तो जरूरी है.

मोहन:- देखो मुझे बहस नही करनी तुमसे.

चमेली:- ठीक है, मै जाती हूँ सोने.

मोहन:- हाँ, सो जाओ.

( दोघांची exit, प्रसंग संपला)

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