दुष्यन्त और शकुन्तला

शकुन्तला ने अपने जन्म की सम्पूर्ण कथा राजा दुष्यन्त को बता देती थी। उसकी सुंदरता देखकर दुष्यन्त ने उससे गान्धर्व विवाह करने का प्रस्ताव दिया। शकुन्तला और राजा दुष्यन्त स्वेच्छा से गान्धर्व विवाह के बाद वह थोडे दिन आश्रम में रहे| जब वह अपनी राजधानी चाले गये उसके बाद शकुन्तला कि जिन्दगी का विवरण किया है|

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