नैन हीन को राह दिखा प्रभु ।
पग पग ठोकर खाऊँ मैं ॥

तुम्हरी नगरिया की कठिन डगरिया ।
चलत चलत गिर जाऊँ मैन ॥

चहूँ ओर मेरे घोओर अंधेरा ।
भूल न जाऊँ द्वार तेरा ।
एक बार प्रभु हाथ पकड़ लो । ( ३)
मन का दीप जलाऊँ मैं ॥

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