शब कि वह मजलिस-फ़रोज़-ए-खल्वत-ए-नामूस था
रिश्ता-ए[1] हर शमअ़ खार[2]-ए-किस्वत[3]-ए-फ़ानूस था

मशहद[4]-ए-आशिक़ से कोसों तक जो उगती है हिना
किस कदर या रब हलाक[5]-ए-हसरत-ए-पाबोस[6] था

हासिल-ए-उल्फ़त ना देखा जुज[7] शिकस्त-ए-आरजू
दिल ब दिल पैवस्त[8] गोया[9] इक लब-ए-अफ़सोस था

क्या कहूं बीमारी-ए-ग़म कि फ़राग़त[10] का बयां
जो कि खाया, ख़ून-ए-दिल बेमिन्नत[11]-ए-कैमूस[12] था

शब्दार्थ:
  1. मोम का धागा
  2. काँटा
  3. कपड़े
  4. मकबरा
  5. मौत
  6. पांव चूमना
  7. सिवा
  8. जुड़ा हुआ
  9. जैसे
  10. छूट, आजादी
  11. कर्ज़दार
  12. पेट में पचता हुआ खाना
Comments
आमच्या टेलिग्राम ग्रुप वर सभासद व्हा. इथे तुम्हाला इतर वाचक आणि लेखकांशी संवाद साधता येईल. telegram channel