जब ब-तक़रीब[1]-ए-सफ़र यार ने महमिल[2] बांधा
तपिश-ए-शौक़ ने हर ज़र्रे पे इक दिल बांधा

अहल-ए-बीनिश[3] ने ब हैरत-कदे[4] शोख़ी-ए-नाज़[5]
जौहर-ए-आइना[6] को तूती-ए-बिस्मिल[7] बांधा

यास[8]-ओ-उम्मीद ने यक[9] अ़रबदा-मैदां[10] मांगा
अ़जज़[11]-ए-हिम्मत ने तिलिसम-ए-दिल-ए-साइल[12] बांधा

न बंधे तिशनगी-ए-शौक़[13] के मज़मूं[14] ग़ालिब
गरचे दिल खोल के दरिया को भी साहिल बांधा

शब्दार्थ:
  1. तैयारी में
  2. ऊँठ की पीठ पर पालकी
  3. नज़र वाले लोग
  4. हैरानी का कमरा
  5. नख़रे की शरारत
  6. शीशे का पानी
  7. ज़ख़्मी तोता
  8. निराशा
  9. एक
  10. युद्ध का मैदान
  11. कमी
  12. पूछताछ करने वाले दिल का जादू
  13. उत्साह की प्यास
  14. धुन
Comments
आमच्या टेलिग्राम ग्रुप वर सभासद व्हा. इथे तुम्हाला इतर वाचक आणि लेखकांशी संवाद साधता येईल. telegram channel