इनके अलावा कई छिटपुट रचनाओं का श्रेय कालिदास को दिया जाता है, लेकिन विद्वानों का मत है कि ये रचनाएं अन्य कवियों ने कालिदास के नाम से की। नाटककार और कवि के अलावा कालिदास ज्योतिष के भी विशेषज्ञ माने जाते हैं। उत्तर कालामृतम् नामक ज्योतिष पुस्तिका की रचना का श्रेय कालिदास को दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि काली देवी की पूजा से उन्हें ज्योतिष का ज्ञान मिला। इस पुस्तिका में की गई भविष्यवाणी सत्य साबित हुईं।

श्रुतबोधम्
शृंगार तिलकम्
शृंगार रसाशतम्
सेतुकाव्यम्
पुष्पबाण विलासम्
श्यामा दंडकम्
ज्योतिर्विद्याभरणम्

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